तुम आओ ऐसे - लेखनी प्रतियोगिता,
तुम आओ ऐसे
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तुम आओ ऐसे
जैसे फेनिल लहरें,
आतीं हैं समुंदर की,
अपने साथ नायाब मोती,
सीप, शंख, कौड़ियाँ,
सुनहरी रेत लेकर,
जुड़ती जाती है अपने आप ही,
तटबंध बन जाने के लिए मन के।
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शोभा शर्मा, छतरपुर, म.प्र.
#लेखन प्रतियोगिता
शोभा शर्मा
15-Sep-2023 03:32 AM
सुंदर
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Sep-2023 09:07 AM
सुन्दर सृजन
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